भैसोदामंडी: नगर में तेजाजीदशमी के पावन पर्व डिस्लेरी स्थित प्राचीनतम कालेश्वर मन्दिर पर लोगो का जनसैलाब उमड़ा। इस धार्मिक अवसर पर पूर्व नपाध्यक्ष रामलाल गुर्जर ने महाप्रसादी का आयोजन रखा। तेजादशमी के मौके पर तेजाजी महाराज को भोग लगाकर विशेष पूजा अर्चना व महाआरती की गई। कस्बे सहित आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक गांवो से दर्शनार्थी भंडारे में पहुँचे और कतारबद्ध तरिके से प्रसादी के रूप में हलवा, पूड़ी, आलू छोले की सब्जी ग्रहण की। पूर्व चेयरमैन रामलाल गुर्जर ने बताया कि यह भंडारा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे मोहल्लेवासियों के अटूट सहयोग का परिणाम है। सभी ने मिलकर इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दिया, जिससे यह पर्व और भी सफल व यादगार बन गया।
मन्दिर की यह है प्राचीन दंतकथा
स्थानीय लोग बताते है कि लगभग 25-30 साल पहले एक बेल को नाग देवता ने काट लिया था। उस बैल को इसी मंदिर का एक डोरा बांधा गया और नाग महाराज की कृपा से वह बिल्कुल ठीक हो गया। ठीक होने के बाद वह बैल अपनी अटूट श्रद्धा के साथ रोज यहाँ आता था। पूर्व पालिकाध्यक्ष रामलाल गुर्जर ने मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक और अनोखी कहानी बताते हुवे कहा कि यह मूर्ति उन्हें एक रोड़ी पर मिली थी। इस दिव्य अनुभव ने उन्हें प्रेरित किया और फिर उन्होंने स्वयं इस मंदिर का निर्माण करवाया। उन्होंने मंदिर निर्माण के समय के संघर्षों को याद करते हुए कहा, "इस मंदिर के निर्माण में हमने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। हमने इसे किसी भी कीमत पर हटने नहीं दिया, क्योंकि यह केवल एक ईंटों का ढाँचा नहीं, बल्कि हमारी अमिट पहचान और सांस्कृतिक विरासत है। पूरे आयोजन के दौरान, पुलिस प्रशासन ने अपनी कुशलता का परिचय दिया। उनकी मुस्तैदी और सक्रियता ने यातायात को सुगम बनाए रखा और सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया।


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