विशाल श्रीवास्तव | भवानीमंडी: इस वर्ष की जलझूलनी एकादशी, आस्था और उल्लास का एक अविस्मरणीय संगम बन गई। रिमझिम बारिश की फुहारों के बीच, जब नगर में झाँकियों से सजे बेवान निकले, तो पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया। इस उत्सव में सबसे खास पल वह था, जब भगवान कृष्ण और आदिनाथ के बेवान का मिलन हुआ, जिसने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया।
जलझूलनी ग्यारस के अवसर पर भवानीमंडी की सड़कें जीवंत हो उठीं। रिमझिम बारिश के बावजूद, विभिन्न मंदिरों से निकाली गई झाँकियों ने अपनी अनूठी छटा बिखेरी। इन झाँकियों में भगवान कृष्ण के जीवन की लीलाओं से लेकर, पौराणिक कथाओं के मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किए गए थे। रंग-बिरंगी रोशनियों और आकर्षक सजावट से सजी इन झाँकियों को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
इन झाँकियों के साथ ही, भगवान जगदीश, राधा-कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं के बेवान भी नगर भ्रमण पर निकले। भीगी सड़कों पर नाचते-गाते, ढोल-ताशों के साथ चल रहे भक्तों का उत्साह देखने लायक था। ऐसा लग रहा था मानो प्रकृति भी इस भक्तिमय उत्सव में शामिल होकर अपनी खुशी व्यक्त कर रही हो।
इस उत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण कृष्ण भगवान के बेवान और आदिनाथ भगवान के बेवान का मिलन था। यह अद्भुत दृश्य गणपति चौथ माता मंदिर के पास देखने को मिला, जहाँ दोनों बेवान एक साथ आए और उनकी आरती उतारी गई। यह क्षण भवानीमंडी में सर्वधर्म समभाव की भावना को दर्शाता है। दोनों आराध्यों का एक स्थान पर मिलन और आरती ने भक्तों को एक अनूठी आध्यात्मिक अनुभूति दी। नगर भ्रमण और मिलन के बाद, इस भव्य शोभायात्रा का समापन राधेश्याम बगीची में होगा ।
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