फिरौती कॉल आते ही पुलिस अलर्ट — 7 टीमें बनीं, हाईवे से लेकर राजस्थान बॉर्डर तक दबिश
गुरुवार शाम हर्षुल के मोबाइल से फिरौती कॉल आते ही मामला गंभीर हो गया।
एसपी विनोद कुमार मीणा ने तुरंत 7 विशेष टीमें गठित की। एसडीओपी गरोठ दिनेश प्रजापति और मल्हारगढ़ एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में टीमें अलग-अलग दिशाओं में रवाना हुई। राजस्थान के कोटा, बूंदी, हिंडोली तक पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। मोबाइल लोकेशन ने सबसे बड़ा सुराग दिया—लोकेशन कोटा में मिल रही थी, जहां हर्षुल का करीबी दोस्त गणपत सिंह हाड़ा रहता है।
कोटा से मिला धागा दोस्त गणपत पकड़ा, और खुल गई पूरी कहानी
पुलिस ने गणपत को अभिरक्षा में लिया। पूछताछ में गणपत टूट गया और पूरा राज उगल दिया। उसने बताया कि हर्षुल भारी कर्ज़ में डूबा था। कर्ज चुकाने के दबाव में उसने अपहरण का ड्रामा रचने की योजना बनाई। दोस्तों गणपत, जनरेल सिंह (बालोला) और कुलदीप कहार (अमरतिया) को साथ मिलाया। 50 लाख की फिरौती लेकर आपस में बाँटने की प्लानिंग की गई। इसके बाद पुलिस ने हर्षुल को भी हिरासत में ले लिया।
झूठे अपहरण का भंडाफोड़ — दो गिरफ्तार, दो फरार
गिरफ्तार
✔ हर्षुल जैन
✔ गणपत सिंह हाड़ा
फरार
✘ जनरेल सिंह (बालोला)
✘ कुलदीप कहार (अमरतिया)
पुलिस की टीमें दोनों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
एसपी का बयान
“फर्जी अपहरण, फर्जी फिरौती... समय रहते खोल दी चाल”, एसपी मीणा ने बताया कि पूरा मामला एक सोची-समझी झूठी अपहरण साज़िश था। समय रहते पुलिस की तत्परता से मामला उजागर हो गया, वरना यह गैंग परिवार को भारी नुकसान पहुँचा सकता था।
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