केंद्र सरकार के मुताबिक, नए कानून के जरिए पुरानी योजना की कमियों को दूर करने का दावा किया गया है। ‘जी राम जी’ कानून के तहत मजदूरी में देरी होने पर मुआवजा, बेरोजगारी भत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने जैसे प्रावधान जोड़े गए हैं।
मनरेगा में खामियां थीं, इसलिए बदला ढांचा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा में कई खामियां थीं। योजना के तहत मशीनों से काम कराया जाता था, जबकि भुगतान मजदूरों के नाम पर होता था। कई जगह ठेकेदारों के पास पैसा चला जाता था और मजदूरों का शोषण होता था। उन्होंने कहा कि जी राम जी योजना इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए लाई गई है।
125 दिन का रोजगार और बेरोजगारी भत्ता
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि नई योजना में 125 दिन के रोजगार की गारंटी के साथ-साथ बेरोजगारी भत्ते का भी कानूनी प्रावधान किया गया है। यदि मजदूरी समय पर नहीं मिलती है, तो मुआवजा देने का प्रावधान भी रखा गया है।
ग्राम सभा को मिलेगी ज्यादा ताकत
नए कानून के तहत अब ग्राम सभा या पंचायत यह तय कर सकेगी कि गांव में कौन-कौन से काम कराए जाएंगे। जरूरत के अनुसार स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि योजना का लाभ सीधे मजदूरों तक पहुंचे।
सरकार का दावा है कि ‘जी राम जी’ कानून से ग्रामीण रोजगार व्यवस्था अधिक पारदर्शी होगी और मजदूरों को पहले से ज्यादा लाभ मिलेगा।

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