हटवाल ने लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए रेलवे से जुड़ी विभिन्न जनहितकारी मांगों से अवगत कराया। ज्ञापन में बताया गया कि कोटा–नागदा रेलखंड के अंतर्गत स्थित भवानीमंडी रेलवे स्टेशन भौगोलिक दृष्टि से देश का अनोखा स्टेशन है, जो दो राज्यों—राजस्थान और मध्यप्रदेश—की सीमा पर स्थित है। स्टेशन का एक हिस्सा राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क्षेत्र में और दूसरा हिस्सा मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भैसोदा नगर में आता है।
उन्होंने बताया कि स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म पर दोनों राज्यों के सूचना बोर्ड लगे हुए हैं। भैसोदा नगर और आसपास के ग्रामीण अंचल के यात्रियों, व्यापारियों और अतिथियों को इसी स्टेशन से आवागमन करना पड़ता है, लेकिन केवल “भवानीमंडी” नाम होने के कारण बाहर से आने वाले यात्रियों में भ्रम की स्थिति बनती है और भैसोदा की पहचान सामने नहीं आ पाती। ऐसे में स्टेशन का नाम “भवानीमंडी–भैसोदामंडी” किया जाना जनभावना और जनहित के अनुरूप आवश्यक है। इससे मध्यप्रदेश के भैसोदा नगर को भी राष्ट्रीय स्तर पर उचित पहचान मिलेगी।
हटवाल ने यह भी उल्लेख किया कि यह स्टेशन अपने विशिष्ट स्वरूप के कारण देश के चुनिंदा अनोखे रेलवे स्टेशनों में शामिल है, जहां टिकट वितरण मध्यप्रदेश की सीमा में होता है, जबकि यात्री राजस्थान की सीमा में खड़े होकर टिकट लेते हैं। वर्तमान में स्टेशन का विकास अमृत भारत योजना के तहत किया जा रहा है।
रेल ओवर ब्रिज और फुट ओवर ब्रिज पर भी रखी मांग
लोकसभा अध्यक्ष से चर्चा के दौरान हटवाल ने भैसोदा रेलवे फाटक पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के कार्य में तेजी लाने की मांग की। साथ ही मालीपुरा क्षेत्र में प्रस्तावित रेलवे फुट ओवर ब्रिज को शीघ्र वित्तीय स्वीकृति दिलाने पर जोर दिया। इसके अलावा शामगढ़ की तर्ज पर प्रमुख ट्रेनों के भैसोदा क्षेत्र में ठहराव की मांग भी प्रमुखता से रखी गई।



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