पुलिस के अनुसार रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों से सट्टा नेटवर्क, लेन-देन और इससे जुड़े अन्य लोगों को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में नेटवर्क से जुड़े कई अहम सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई से क्षेत्र में सक्रिय सट्टा माफिया में हड़कंप मच गया है, जबकि आमजन में पुलिस के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है। पुलिस का कहना है कि अवैध सट्टा गतिविधियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।
एप के जरिए सट्टा, यूनिक आईडी से जुड़े नेटवर्क की तकनीकी जांच
पुलिस अब सट्टे के इस मामले में तकनीकी जांच पर भी फोकस कर रही है। जिस मोबाइल एप के जरिए आरोपी सट्टा खेलते थे, उसकी यूनिक आईडी की गहन पड़ताल की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि उक्त आईडी से और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं और नेटवर्क कितना व्यापक है। थाना अधिकारी भवानीमंडी प्रमोद कुमार ने बताया कि एप के माध्यम से सट्टा खेलने वाले अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए अनुसंधान जारी है। तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर सभी जुड़े लोगों तक पहुंचने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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