राजस्व कोर्ट कैंप हटाने का विरोध जारी, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभिभाषक परिषद का आरोप- अफसरशाही के कारण जनता को नहीं मिल रहा सुलभ न्याय

कपिल चौहान | भवानीमंडी: नगर की अभिभाषक परिषद ने गुरुवार को स्थानीय न्यायालय परिसर में राजस्व कोर्ट कैंप नहीं लगाए जाने के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। परिषद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वर्षों से आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्थानीय कोर्ट में ही राजस्व कोर्ट कैंप लगाया जाता रहा है, लेकिन हालिया निर्णय से लोगों को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है।

अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष बृजराज सिंह ने कहा कि यह जिला कलेक्टर और उपखंड मजिस्ट्रेट की हठधर्मिता का परिणाम है कि आमजन, किसान और अधिवक्ताओं को सुलभ न्याय नहीं मिल पा रहा है। लोगों को कई किलोमीटर दूर एसडीएम कोर्ट जाना पड़ रहा है, जहां अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति का हवाला देकर एकतरफा फैसले सुनाए जा रहे हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को हो रही है।

परिषद ने बताया कि कुछ समय पूर्व न्यायालय परिसर में स्थित एक भवन के जर्जर होने को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद उस भवन में लगने वाला राजस्व कोर्ट कैंप एसडीएम कोर्ट भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि वकीलों ने ही भवन की जर्जरता की जानकारी दी थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए नियमानुसार कोर्ट कैंप को मूल स्थान पर लगाया गया है।

हालांकि अभिभाषक परिषद का आरोप है कि वर्षों से लगते आ रहे राजस्व कोर्ट कैंप को कई किलोमीटर दूर स्थानांतरित करना आमजन की असुविधा का कारण बन रहा है। इससे अधिवक्ताओं, उनके पक्षकारों और आम लोगों को आर्थिक व समय दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता ईश्वरचंद भटनागर ने इसे अफसरशाही बनाम आमजन की लड़ाई बताते हुए कहा कि अधिकारियों के अहंकार के कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही बार एसोसिएशन अध्यक्ष बृजराज ने कहा कि वकीलों की हड़ताल के चलते एकतरफा फैसले देना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और इसके खिलाफ प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों को भी आगे आना चाहिए।

अधिवक्ता कैलाश जैन ने कहा कि यदि भवन जर्जर है तो परिषद एक अलग कक्ष उपलब्ध कराने को भी तैयार है, जहां राजस्व कोर्ट कैंप सुचारु रूप से लगाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मनमानी के कारण यह समस्या खड़ी हुई है, जबकि न्यायालयों में केवल न्याय होना चाहिए।

वहीं अधिवक्ता स्वतंत्र व्यास ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को सड़कों तक ले जाया जाएगा। अधिवक्ता श्याम सिंह ने कहा कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री का क्षेत्र में दौरा प्रस्तावित है, इस दौरान उनसे मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया जाएगा। यदि इसके बाद भी समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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